१) आँख से झलकते आंसू हो ,
छलकती हलकी सी मुस्कान ,
धड़कन अगर है बड़ गयी हो तो ,
ये है सफलता की पहचान !!!!
२) पैसा नहीं इज्जत है गिनते ,
हर जगह कहलाते महान ,
जब अपनों में बदती हो शान,
तो ये है सफलता की पहचान !!!!
३) मन में एक हलचल सी रहती है ,
खुद ही नै कर पाते पहचान ,
अगर लगता हो जैसे पहुच गए हो आसमान ,
तो ये है सफलता की पहचान !!!!!!!!
४) माता - पिता के चेहरे पर ख़ुशी हो तो ,
पाने लगते है सब मुकाम ,
भूल गए उस संघर्ष को तो ,
बेकार है ये सब सफलता की पहचान !!!!!!!
- देवेन्द्र गोरे
--ख्यालों की बेलगाम उड़ान...कभी लेख, कभी विचार, कभी वार्तालाप और कभी कविता के माध्यम से...... हाथ में लेकर कलम मैं हालेदिल कहता गया काव्य का निर्झर उमड़ता आप ही बहता गया......!!!
Tuesday, April 19, 2011
Wednesday, April 13, 2011
गर्मी का मौसम
गर्मी का मौसम आया है, साथ पसीना लाया है,
लू के थपेड़ो के साथ में, कमी पानी की, लाया है.
मक्खियाँ उडती फिरती, गंदगी का साया है,
रातों की नींद उड़ाने को, मच्छरों का राज आया है
जारी...
लू के थपेड़ो के साथ में, कमी पानी की, लाया है.
मक्खियाँ उडती फिरती, गंदगी का साया है,
रातों की नींद उड़ाने को, मच्छरों का राज आया है
जारी...
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