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Tuesday, September 27, 2011

मेरी ज़िन्दगी मेरे दोस्त है !!!

१-वक़्त इतना नहीं साथ देते है ,
पास उतने है नहीं पर साथ रहते है ,
क्या कहूं इनके लिए ,
मेरी ज़िन्दगी मेरे दोस्त है,

२-कब कहा कैसे कभी ,
बन गए हम दोस्त अच्छे ,
ये दोस्त नहीं कुछ और है ,
क्या कहूं इनके लिए ,
मेरी ज़िन्दगी मेरे दोस्त है ,

३- हर लाफ्फ्ड़ो से रहते अलग,
सबके अपने सपने है,
पूरा करना इनका मकसद ,
ख्वाब सबके नेक है,
क्या कहूं इनके लिए ,
मेरी ज़िन्दगी मेरे दोस्त है ,

४-भोपाल हो या देहरादून,
नोयडा हो या खड़कपुर ,
इंदौर हो या कोई शहर ,
चैन मिलता है सबको ,
वो शहर उज्जैन है ,
क्या कहूं इनके लिए ,
मेरी ज़िन्दगी मेरे दोस्त है ,

५- साथ रहेंगे जीवन भर ,
ये हम सबकी फ़रियाद है ,
ये दोस्ती न टूटे कभी ,
हर पल हम सब साथ रहे ,
क्या कहूं इनके लिए ,
मेरी ज़िन्दगी मेरे दोस्त है !!!


- देवेन्द्र गोरे

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