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Friday, September 2, 2011

मैं क्या हूँ ?

हर किसी की ख़ुशी हूँ ,

या हर चेहरे का गम ,

हर किसी के लिए पहेली हूँ ,

या हर किसी का पल ,

हर किसी का दर्द हूँ ,

या हर किसी का फ़र्ज़ ,

हर किसी का क़र्ज़ हूँ ,

या हर किसी का अर्श ,

हर किसी का प्यार हूँ ,

या हर किसी का इंकार ,

हर किसी की चाह हूँ ,

या हर किसी की राह ,

हर किसी के लिए आग हूँ ,

या हर किसी की प्यास ,

हर समस्या का हल हूँ ,

या हर हल की समस्या ,

हर सवाल का जवाब हूँ ,

या हर जवाब का सवाल ,

हर किसी की सोच हूँ ,

या हर किसी पर बोझ ,

ये सवाल आपका भी होगा ,

मैं क्या हूँ , मैं क्या हूँ , मैं क्या हूँ ?

-देवेन्द्र गोरे !

8 comments:

  1. hyee sach kaha yaar ..mai kon hu?.....nice poem ...

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  2. ek maa ki mamta ka dulaar hai tu,
    ek pita ke garv ka darkaar hai tu,
    ek behan ki raakhi ki laaj hai tu,
    kya karun bayan tere baare me aye yaar,
    yaaro ki yaari ka pyaar hai tu............

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  3. Mere dil me yeh vichar hai.
    kisi ke liye dard hai, to kisi ke liye pyar hai,
    meri yeh zindagi Un logo ki karzdaar hai,
    agar desh ke liye na jiya to maera jeena bekaar hai,
    jab khud se ek aawaz aayi to,aaj pata chal ki main kaun hoon,

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  4. mast poem hai bhai , khas kar
    हर किसी का प्यार हूँ ,

    या हर किसी का इंकार

    awesome lines, chu gayi dil ko :)

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