धुआ उड़ाने और सिगरेट पीने का इतना शोक है ,
तो १० के नोट की पुंगी बनाओ धुआ तो उसमे भी निकलता है
--ख्यालों की बेलगाम उड़ान...कभी लेख, कभी विचार, कभी वार्तालाप और कभी कविता के माध्यम से...... हाथ में लेकर कलम मैं हालेदिल कहता गया काव्य का निर्झर उमड़ता आप ही बहता गया......!!!
Wednesday, February 15, 2012
Monday, February 13, 2012
Friday, February 3, 2012
चल चला चल ,,,,,, !!!
१ ) जिस राह को तुने चुन लिया ,
उस राह पर तू चलता चल ,
न देख मुड़कर पीछे तू ,
बस चलना है तो चलता चल ........ !!
२ ) मुश्किलें तुझे रोकेंगी ,
तू लांग लेना मुश्किलों को ,
डरना नहीं तू मुश्किल से,
बस चलता है तो चलता चल ......... !!
३ ) जो ख्वाब तुने देखे है ,
उन ख्वाव को पूरा करता चल ,
न राह देख किसी की तू ,
बस चलना है तो चलता चल ... !!
४ ) आलस्य न कर पाने की ,
जो निश्चय तुने ठान लिया ,
न याद कर तू बीता कल ,
बस चलना है तो चलता चल .... !!!
$देवेन्द्र गोरे $
उस राह पर तू चलता चल ,
न देख मुड़कर पीछे तू ,
बस चलना है तो चलता चल ........ !!
२ ) मुश्किलें तुझे रोकेंगी ,
तू लांग लेना मुश्किलों को ,
डरना नहीं तू मुश्किल से,
बस चलता है तो चलता चल ......... !!
३ ) जो ख्वाब तुने देखे है ,
उन ख्वाव को पूरा करता चल ,
न राह देख किसी की तू ,
बस चलना है तो चलता चल ... !!
४ ) आलस्य न कर पाने की ,
जो निश्चय तुने ठान लिया ,
न याद कर तू बीता कल ,
बस चलना है तो चलता चल .... !!!
$देवेन्द्र गोरे $
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