--ख्यालों की बेलगाम उड़ान...कभी लेख, कभी विचार, कभी वार्तालाप और कभी कविता के माध्यम से......
हाथ में लेकर कलम मैं हालेदिल कहता गया
काव्य का निर्झर उमड़ता आप ही बहता गया......!!!
Adviceadda.com
Total Pageviews
Monday, February 13, 2012
आपकी मुस्कान हमारी कमजोरी है , कह न पाना हमारी मज़बूरी है , आप क्यों नहीं समझते इस ख़ामोशी को , क्या ख़ामोशी को जुबान देना ज़रूरी है ........ ?
No comments:
Post a Comment