रक्षाबंधन आता हैं खुशियाँ लाता हैं,
भाई और बहन के
प्यार को दर्शाता हैं,
पर ये स्तिथि घर
पर होती थी,
स्कूल की रक्षाबंधन
कहर बरपाती थी,
रक्षाबंधन करीब
आते ही हर लड़का डरने लगता था,
रक्षाबंधन आने तक
पल-पल अन्दर ही अन्दर मरने लगता था,
जिस लड़की को मन
ही मन पसंद करते थे, हमसे दूर भागती थी ,
हाथ में लिए रक्षाबंधन,
सपनो में आने लगती थी,
स्कूल में
कर्फ्यू का सा माहौल होता था ,
लड़की के पास से
गुज़र भर जाने से दिल रोता था ,
डरे सहमे लड़के
रहते थे इसी आस में,
भगवान् इस बार
बचा लो, बहन बनाने से |
रक्षाबंधन से दो
दिन पहले छुट्टी के बहाने स्कूल नहीं जाते थे ,
जो समझदार होते
हैं वो स्कूल चले जाते थे,
जो आ जाते थे स्कूल,
वो नए नए भाई बन
कर पछताते थे I
-
:- देवेंद्र गोरे
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