मैं किसी का नाम जो हू
किसी के नफरत का पैगाम जो हू
मैं किसी का सम्मान
जो हू
उन नगमो का अल्फ़ाज़ जो हू
मैं किसी की बिंदी हू
मैं तुम्हारी हिन्दी हू
मैं शब्दो का एहसास जो हू
मैं दिल की आवाज़ जो हू
सुख-दुख का हर राग जो हू
खुशियो की एक आवाज़ जो हू
जोश का वो अंगार जो
हू
जिसमे लगे वो बिन्दु हू
मैं तुम्हारी हिन्दी हू
लिखने से कतराती हू
अब तो अंग्रेजी की बिंदी हू
आज भी गर्व की बिन्दी हू
मैं तुम्हारी हिन्दी हू
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